फ्लाइट मोड क्या है? फ्लाइट मोड का इस्तेमाल क्यों किया जाता है? – नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप सभी? उम्मीद है कि आप सभी स्वस्थ होंगे। दोस्तों मैं एक बार फिर से आप सभी का स्वागत करता हूं हमारे इस बिल्कुल नए आर्टिकल पर। दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम आपको एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय में जानकारी देने जा रहे हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको फ्लाइट मोड के बारे में जानकारी देंगे। आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में बताएंगे फ्लाइट मोड क्या है तथा फ्लाइट मोड का इस्तेमाल क्यों किया जाता है? तो दोस्तों अगर आप भी फ्लाइट मोड के बारे में जानना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आखरी तक जरूर पढ़िए।
जैसा की आप सभी को पता है स्मार्टफोन आज हर किसी की जरूरत बन चुका है। आज हमारे देश में लगभग 80% लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। स्मार्टफोन का इस्तेमाल आप अपने कार्यों को पूरा करने के लिए करते हैं। दोस्तों वैसे तो हमारे स्मार्टफोन में अनेक एप्लीकेशन और फंक्शन हमें दिए जाते हैं जिनका अपना एक अलग ही यूज होता है। हमारे फोन में जितने भी फंक्शन हमें दिए जाते हैं हर फंक्शन का अपना एक अलग इस्तेमाल है।
फ्लाइट मोड क्या है ? फ्लाइट मोड का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?
हमारे फोन में दिए गए सारे फंक्शन किसी न किसी इस्तेमाल में आते हैं। कोई भी फंक्शन बेकार नहीं दिया जाता है। इन्हीं फंक्शन में से एक फंक्शन है एरोप्लेन मोड । एरोप्लेन मोड एक ऐसा फंक्शन है जो शायद ही किसी ने अब तक इस्तेमाल किया हो । लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है एरोप्लेन मोड हमारे लिए बहुत उपयोगी है।
दोस्तों जब भी आप अपने स्मार्टफोन के नोटिफिकेशन पैनल को थोड़ा नीचे स्वाइप डाउन करेंगे आपको एक एरोप्लेन का सिंबल दिखाई देगा। इसी को हम एरोप्लेन मोड के नाम से जानते हैं। लेकिन इसका इस्तेमाल किसी विशेष कार्य के लिए नहीं किया जाता है या फिर ऐसा हम सोचते हैं कि इसका इस्तेमाल किसी विशेष कार्य के लिए नहीं है।
दोस्तों अगर आपने कभी एरोप्लेन में यात्रा की है तो आपको पता होगा कि जब भी आप एरोप्लेन में जाते हैं और एयरप्लेन टेक ऑफ करने वाला होता है तो पायलट आपसे अपना फोन स्विच ऑफ करने के लिए या एरोप्लेन मोड में लगाने के लिए कहता है। ऐसे में हम सभी के मन में यह सवाल जरूर आता है कि आखिर यह एरोप्लेन मोड से होता क्या है और एरोप्लेन मोड क्यों लगाया जाता है।
एरोप्लेन मोड क्या है ?
एरोप्लेन मोड हमारे फोन में एक विशेष प्रकार का फंक्शन होता है। एरोप्लेन मोड को हम फ्लाइट मोड ऑफलाइन मोड के नाम से भी जानते हैं। एरोप्लेन मोड का इस्तेमाल करके हम अपने स्मार्टफोन में सारे सर्कुलर नेटवर्क का कनेक्शन काट सकते हैं। अगर हम अपने स्मार्टफोन में एरोप्लेन मोड ऑन कर दे तो हमारा कम्युनिकेशन सिस्टम पूरी तरह से बंद हो जाएगा। हम किसी भी ट्रांसलेशन सर्कुलर नेटवर्क से अपने फोन को कम्युनिकेट नहीं करा पाएंगे।
अगर आपके फोन में सिम कार्ड है और आप बिजी हैं किसी के कॉल रिसीव नहीं करना चाहते हैं तो इस स्थिति में लोग एरोप्लेन मोड का इस्तेमाल करते हैं । जब भी आप अपने फोन का एरोप्लेन मोड ऑन करते हैं तो आपका फोन एकदम ऐसा हो जाता है जैसे कि इसमें कोई सिम कार्ड ना होना । न तो आप मोबाइल डाटा का इस्तेमाल कर पाएंगे ना ही आपके फोन में किसी का फोन आएगा ना ही आप किसी को फोन कर पाएंगे।
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एरोप्लेन मोड एक प्रकार का बैटरी सेवर भी होता है। जी हां दोस्तों बिल्कुल सही सुना आपने । अगर आपके स्मार्टफोन में बैटरी कम है और आप अपनी बैटरी को सेव करना चाहते हैं तो आप फ्लाइट मोड ऑन कर सकते हैं। फ्लाइट में फोन करने से आपकी बैटरी बहुत कम खर्च होगी और इससे बैटरी बैकअप भी बढ़ता है।
एरोप्लेन में फोन को फ्लाइट मोड में क्यों किया जाता है ?
अगर आप में से किसी ने हवाई जहाज में यात्रा की है तो आपने भी अपना स्मार्टफोन फ्लाइट मोड में लगाया होगा । जब भी प्लेन यात्रा शुरू करने वाला होता है तो उस समय में स्मार्टफोन को एरोप्लेन मोड में लगाना अनिवार्य होता है । बहुत से लोग इसके पीछे का कारण जानना चाहते हैं । आइए इसके पीछे का कारण जानते हैं।
दोस्तों जैसा कि आप सभी को पता है हमारे स्मार्टफोन में नेटवर्क सिगनल्स के रूप में आता है। यह सिगनल्स बड़े-बड़े मोबाइल टावर की सहायता से हमारे फोन में भेजे जाते हैं। दोस्तों जब तक हमारा फोन मोबाइल टावर की रेंज में रहता है तब तक हमारे फोन में नेटवर्क आते रहते हैं और हम किसी से भी कम्युनिकेट कर सकते हैं । पर जब हम नेटवर्क कवरेज क्षेत्र से बाहर जाते हैं तो हमारा फोन नेटवर्क के लिए सर्चिंग करना शुरू कर देता है।
दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते हैं नेटवर्क टावर की अपनी एक रेंज होती है जिस रेंज में वह अपने सिग्नल से भेजता है । पर जब हम हवाई यात्रा पर होते हैं उस स्थिति में हम सभी के फोन का कनेक्शन नेटवर्क टावर से पूरी तरह से कट जाता है । एक प्लेन के अंदर कम से कम दो सौ यात्री होते हैं । उन सभी के फोन में नेटवर्क नहीं आता।
इस स्थिति में हमारा सिम कार्ड नेटवर्क सर्चिंग करता है जिसे नेटवर्क बूस्ट कहा जाता है। जब एक साथ इतने सारे नेटवर्क बूस्ट होते हैं तो एरोप्लेन के अंदर लगे नेविगेशन और अन्य मशीनरी में प्रॉब्लम आने लगती हैं। जिससे पायलट को काफी समस्या होती है इसीलिए एरोप्लेन मोड लगाना अनिवार्य होता है।
एरोप्लेन मोड कैसे लगाएं
दोस्तों एरोप्लेन मोड लगाना बहुत ही आसान काम है। यह बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है। अगर आप एरोप्लेन मोड लगाना चाहते हैं तो इसके लिए अनेक तरीके हैं।
जब आप अपने फोन के नोटिफिकेशन पैनल को थोड़ा नीचे करेंगे तो ऊपर आपको एरोप्लेन मोड या फ्लाइट मोड को ऑप्शन दिख जाएगा। जिस पर क्लिक करते ही आपका फोन एरोप्लेन मोड में लग जाएगा। इस पर कोई भी कॉल नहीं आएगी।
एरोप्लेन मोड लगाने के लिए आप सेटिंग्स में भी जा सकते हैं । सेटिंग्स में आपको फ्लाइट मोड या एरोप्लेन मोड नाम का ऑप्शन दिखेगा जिसे इनेबल करते ही आपका फोन फ्लाइट मोड में लग जाएगा।
एरोप्लेन मोड लगाने के लिए तीसरा तरीका यह है कि आप अपनी पावर की को थोड़ी देर तक प्रेस करते रहे। पावर की को थोड़ी देर प्रेस करने के बाद आपकी स्क्रीन पर तीन ऑप्शन आएंगे। पहला ऑप्शन रिबूट दूसरा ऑप्शन पावर ऑफ तथा तीसरा ऑप्शन फ्लाइट मोड का होगा । आप फ्लाइट मोड पर क्लिक करके भी फ्लाइट मोड ऑन कर सकते हैं।
निष्कर्ष
दोस्तों आज के लिए बस इतना ही। आज की जानकारी यहीं पर समाप्त होती है। आज इस आर्टिकल में हमने आपको बताया फ्लाइट मोड क्या है? तथा फ्लाइट मोड कैसे इनेबल करें? हमें उम्मीद है कि यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। यदि आप इसी प्रकार की अन्य जानकारियां पाना चाहते हैं तो हमारा आर्टिकल प्रतिदिन पढ़िए। अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद । शुभ दिन